नारायण सेवा संस्थान के संस्थापक श्री कैलाश मानव जी से आशिर्वाद लेते महाराज अंकितानन्द जी
कानपुर संवाददाता : आज हम सब देख सकते है कि कानपुर के बारादेवी मे रहने वाले अंकित तिवारी जो कि जागरण से आपने जीवन की शुरुआत करी थी इस जीवन में बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा लेकिन इन्होंने हार नही मानी बस इनका एक ही लक्ष्य था की विकलांग,गरीब बच्चो और वृद्व लोगो की मदद करु भगवान को शायद यही मंजूर था की ये गरीब बच्चो की मदद कर सके तो ये धीरे धीरे भगवत कथा मे दिलचस्पी लेने लगे और समय के साथ इन्होंने भगवत कथा का अध्यन किया फिर इन्होंने भगवत कथा कहना शुरू कर दिया तभी से इनको अंकितानंद जी महाराज के नाम पहचाने जाने लगे छोटे बड़े शहरों मे जा कर भगवत कथा की और आज देख सकते है कि नारायण सेवा संस्थान के साथ जुड़ कर आस्था चैनल तक आज पहुँच गए बुजुर्गों ने सही कहा है सबर का फल मीठा होता है और परिश्रम करने वालो कि कभी हार नहीं होती है ।।
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